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भारत का भूगोल

भारत, दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसका भूगोल अत्यंत समृद्ध, जटिल और विविधता से भरा हुआ है। यह देश समुद्र, पर्वत, मरुस्थल, मैदान, और वन क्षेत्रों से युक्त है, जो इसे भूगोल की दृष्टि से एक अद्भुत देश बनाते हैं। 1. भारत की भौगोलिक स्थिति भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। यह भूमध्य रेखा के उत्तर में 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक और 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है। उत्तर से दक्षिण की लंबाई: लगभग 3,214 किलोमीटर पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई: लगभग 2,933 किलोमीटर कुल क्षेत्रफल: लगभग 32,87,263 वर्ग किलोमीटर (विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश) 2. भारत की सीमाएँ भारत की सीमाएँ 7 देशों से मिलती हैं: उत्तर में: चीन, नेपाल, और भूटान पश्चिम में: पाकिस्तान पूर्व में: बांग्लादेश और म्यांमार दक्षिण-पूर्व में: श्रीलंका (समुद्री सीमा के माध्यम से) तीनों ओर से भारत को समुद्र घेरे हुए हैं: पश्चिम में: अरब सागर पूर्व में: बंगाल की खाड़ी दक्षिण में: हिंद महासागर 3. भारत के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र भारत के भूगोल को...

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मौर्य साम्राज्य: शुरुआत से अंत तक एक महान गाथा

परिचय: मौर्य साम्राज्य प्राचीन भारत का एक सबसे शक्तिशाली और संगठित साम्राज्य था, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में की थी। इस साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप के विशाल भूभाग पर शासन किया और प्रशासन, अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति और संस्कृति के क्षेत्र में अत्यंत उन्नति प्राप्त की। 1. मौर्य साम्राज्य की स्थापना: चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य का योगदान: मौर्य साम्राज्य की नींव चंद्रगुप्त मौर्य और उनके गुरु व रणनीतिकार आचार्य चाणक्य (कोटिल्य) ने रखी। नंद वंश के पतन के बाद चंद्रगुप्त ने मगध को जीतकर एक नए साम्राज्य की शुरुआत की। आचार्य चाणक्य की नीति, कूटनीति और "अर्थशास्त्र" ने मौर्य शासन को मजबूती प्रदान की। 2. बिन्दुसार का शासन (297–273 ईसा पूर्व): चंद्रगुप्त के बाद उनके पुत्र बिन्दुसार ने गद्दी संभाली। उन्होंने साम्राज्य का विस्तार दक्षिण भारत तक किया। बिन्दुसार के शासनकाल में प्रशासनिक स्थिरता बनी रही और व्यापार फला-फूला। 3. सम्राट अशोक का युग (268–232 ईसा पूर्व): मौर्य साम्राज्य का स्वर्ण काल सम्राट अशोक के शासनकाल में देखा गया। प्रारंभ में वह एक वीर योद...

आउटसोर्स कर्मचारी क्या है

🧑‍💼 आउटसोर्स कर्मचारी किसे कहते हैं? आउटसोर्स कर्मचारी (Outsource Karmchari) वे व्यक्ति होते हैं जो किसी सरकारी या निजी संस्था के लिए सीधे उस संस्था के कर्मचारी नहीं होते , बल्कि किसी थर्ड पार्टी एजेंसी (private contractor या outsourcing agency) के माध्यम से नियुक्त किए जाते हैं। उदाहरण: अगर किसी सरकारी विभाग को सफाईकर्मी, डाटा एंट्री ऑपरेटर या गार्ड की जरूरत है, तो वे उन्हें खुद नियुक्त करने की बजाय किसी कंपनी को ठेका दे देते हैं। फिर वह कंपनी ये कर्मचारी मुहैया कराती है — इन्हें आउटसोर्स कर्मचारी कहा जाता है। 📋 आउटसोर्स कर्मचारी की मुख्य विशेषताएँ: बिंदु विवरण नियुक्ति थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा वेतन एजेंसी द्वारा दिया जाता है, विभाग सीधे वेतन नहीं देता कार्यस्थल सरकारी या निजी संस्थानों में काम करते हैं नियंत्रण कार्यस्थल का सुपरवाइजर देखरेख करता है, लेकिन कानूनी रूप से एजेंसी उत्तरदायी होती है सामाजिक सुरक्षा कई बार ईपीएफ, ईएसआई आदि सुविधाएं नहीं मिलती, या देरी से मिलती हैं स्थायित्व नौकरी अस्थायी होती है, ठेका समाप्त होने पर हटाए जा सकते हैं...