Skip to main content

भारत का भूगोल

भारत, दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसका भूगोल अत्यंत समृद्ध, जटिल और विविधता से भरा हुआ है। यह देश समुद्र, पर्वत, मरुस्थल, मैदान, और वन क्षेत्रों से युक्त है, जो इसे भूगोल की दृष्टि से एक अद्भुत देश बनाते हैं। 1. भारत की भौगोलिक स्थिति भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। यह भूमध्य रेखा के उत्तर में 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक और 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है। उत्तर से दक्षिण की लंबाई: लगभग 3,214 किलोमीटर पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई: लगभग 2,933 किलोमीटर कुल क्षेत्रफल: लगभग 32,87,263 वर्ग किलोमीटर (विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश) 2. भारत की सीमाएँ भारत की सीमाएँ 7 देशों से मिलती हैं: उत्तर में: चीन, नेपाल, और भूटान पश्चिम में: पाकिस्तान पूर्व में: बांग्लादेश और म्यांमार दक्षिण-पूर्व में: श्रीलंका (समुद्री सीमा के माध्यम से) तीनों ओर से भारत को समुद्र घेरे हुए हैं: पश्चिम में: अरब सागर पूर्व में: बंगाल की खाड़ी दक्षिण में: हिंद महासागर 3. भारत के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र भारत के भूगोल को...

बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची: शुरू से अंत तक (1946 से 2025 तक)

बिहार भारत का एक ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य है। स्वतंत्रता से पहले और बाद में भी इस राज्य ने कई बड़े नेता देश को दिए हैं। बिहार में अब तक कई मुख्यमंत्रियों ने शासन किया है, जिन्होंने राज्य के विकास, राजनीति, और समाज पर अपना गहरा प्रभाव डाला है।

नीचे बिहार के मुख्यमंत्रियों की क्रमबद्ध सूची दी गई है:



🟢 बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची (1946 से 2025 तक)

क्रम संख्या नाम कार्यकाल (प्रारंभ - अंत) राजनीतिक दल
1 श्रीकृष्ण सिंह 2 अप्रैल 1946 – 31 जनवरी 1961 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2 दीप नारायण सिंह 1 फरवरी 1961 – 18 फरवरी 1961 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
3 विनोदानंद झा 18 फरवरी 1961 – 2 अक्टूबर 1963 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
4 कृष्ण बल्लभ सहाय 2 अक्टूबर 1963 – 5 मार्च 1967 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
5 महामाया प्रसाद सिंह 5 मार्च 1967 – 28 जनवरी 1968 संयुक्त विधायक दल
6 सत्यमोहन सिन्हा 28 जनवरी 1968 – 29 फरवरी 1968 संयुक्त विधायक दल
7 बी. पी. मंडल 1 फरवरी 1968 – 1 जून 1968 संयुक्त विधायक दल
8 हरी कृष्ण महतो 1 जून 1968 – 28 फरवरी 1969 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
9 दारोगा प्रसाद राय 16 फरवरी 1970 – 22 दिसंबर 1970 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
10 केदार पांडेय 22 मार्च 1972 – 2 जुलाई 1973 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
11 अब्दुल गफूर 2 जुलाई 1973 – 11 अप्रैल 1975 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
12 जगन्नाथ मिश्रा 11 अप्रैल 1975 – 30 अप्रैल 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
13 कर्पूरी ठाकुर 24 जून 1977 – 21 अप्रैल 1979 जनता पार्टी
14 रामसुंदर दास 21 अप्रैल 1979 – 17 फरवरी 1980 जनता पार्टी
15 जगन्नाथ मिश्रा (दूसरी बार) 8 जून 1980 – 14 अगस्त 1983 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
16 चंद्रशेखर सिंह 14 अगस्त 1983 – 12 मार्च 1985 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
17 बिंदेश्वरी दुबे 12 मार्च 1985 – 13 फरवरी 1988 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
18 भगवत झा आज़ाद 14 फरवरी 1988 – 10 मार्च 1989 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
19 सत्येन्द्र नारायण सिंह 11 मार्च 1989 – 6 दिसंबर 1989 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
20 जगन्नाथ मिश्रा (तीसरी बार) 6 दिसंबर 1989 – 10 मार्च 1990 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
21 लालू प्रसाद यादव 10 मार्च 1990 – 25 जुलाई 1997 जनता दल / RJD
22 राबड़ी देवी 25 जुलाई 1997 – 6 मार्च 2000 राष्ट्रीय जनता दल
23 राबड़ी देवी (दूसरी बार) 11 मार्च 2000 – 2 मार्च 2005 राष्ट्रीय जनता दल
24 नीतीश कुमार (प्रथम कार्यकाल) 3 मार्च 2000 – 10 मार्च 2000 जनता दल (यू)
25 नीतीश कुमार (द्वितीय कार्यकाल) 24 नवम्बर 2005 – 20 मई 2014 जनता दल (यू)
26 जीतन राम मांझी 20 मई 2014 – 22 फरवरी 2015 जनता दल (यू)
27 नीतीश कुमार (तृतीय कार्यकाल) 22 फरवरी 2015 – वर्तमान (2025 तक अनुमानित) जनता दल (यू)

🔶 कुछ प्रमुख मुख्यमंत्री और उनका योगदान:

  1. श्रीकृष्ण सिंह – बिहार के पहले मुख्यमंत्री, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और राज्य की नींव रखी।

  2. लालू प्रसाद यादव – जनता से गहरा जुड़ाव, पिछड़ों के लिए आवाज, लेकिन शासनकाल में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे।

  3. राबड़ी देवी – देश की पहली महिला मुख्यमंत्री जो घरेलू महिला से सीधे सत्ता में पहुंचीं।

  4. नीतीश कुमार – 'सुशासन बाबू' के नाम से प्रसिद्ध, शिक्षा, सड़क और बिजली सुधार के लिए प्रसिद्ध।


🟡 निष्कर्ष:

बिहार की राजनीति समय-समय पर बदलाव और उतार-चढ़ाव से भरी रही है। यहां सामाजिक न्याय की लड़ाई, विकास की चुनौतियाँ और राजनीतिक अस्थिरता तीनों देखने को मिली हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने एक नया मोड़ लिया है, और भविष्य में जनता की अपेक्षाएं और भी बढ़ गई हैं।



Comments

Popular posts from this blog

भारत का भूगोल

भारत, दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसका भूगोल अत्यंत समृद्ध, जटिल और विविधता से भरा हुआ है। यह देश समुद्र, पर्वत, मरुस्थल, मैदान, और वन क्षेत्रों से युक्त है, जो इसे भूगोल की दृष्टि से एक अद्भुत देश बनाते हैं। 1. भारत की भौगोलिक स्थिति भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। यह भूमध्य रेखा के उत्तर में 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक और 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है। उत्तर से दक्षिण की लंबाई: लगभग 3,214 किलोमीटर पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई: लगभग 2,933 किलोमीटर कुल क्षेत्रफल: लगभग 32,87,263 वर्ग किलोमीटर (विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश) 2. भारत की सीमाएँ भारत की सीमाएँ 7 देशों से मिलती हैं: उत्तर में: चीन, नेपाल, और भूटान पश्चिम में: पाकिस्तान पूर्व में: बांग्लादेश और म्यांमार दक्षिण-पूर्व में: श्रीलंका (समुद्री सीमा के माध्यम से) तीनों ओर से भारत को समुद्र घेरे हुए हैं: पश्चिम में: अरब सागर पूर्व में: बंगाल की खाड़ी दक्षिण में: हिंद महासागर 3. भारत के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र भारत के भूगोल को...

मौर्य साम्राज्य: शुरुआत से अंत तक एक महान गाथा

परिचय: मौर्य साम्राज्य प्राचीन भारत का एक सबसे शक्तिशाली और संगठित साम्राज्य था, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में की थी। इस साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप के विशाल भूभाग पर शासन किया और प्रशासन, अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति और संस्कृति के क्षेत्र में अत्यंत उन्नति प्राप्त की। 1. मौर्य साम्राज्य की स्थापना: चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य का योगदान: मौर्य साम्राज्य की नींव चंद्रगुप्त मौर्य और उनके गुरु व रणनीतिकार आचार्य चाणक्य (कोटिल्य) ने रखी। नंद वंश के पतन के बाद चंद्रगुप्त ने मगध को जीतकर एक नए साम्राज्य की शुरुआत की। आचार्य चाणक्य की नीति, कूटनीति और "अर्थशास्त्र" ने मौर्य शासन को मजबूती प्रदान की। 2. बिन्दुसार का शासन (297–273 ईसा पूर्व): चंद्रगुप्त के बाद उनके पुत्र बिन्दुसार ने गद्दी संभाली। उन्होंने साम्राज्य का विस्तार दक्षिण भारत तक किया। बिन्दुसार के शासनकाल में प्रशासनिक स्थिरता बनी रही और व्यापार फला-फूला। 3. सम्राट अशोक का युग (268–232 ईसा पूर्व): मौर्य साम्राज्य का स्वर्ण काल सम्राट अशोक के शासनकाल में देखा गया। प्रारंभ में वह एक वीर योद...

आउटसोर्स कर्मचारी क्या है

🧑‍💼 आउटसोर्स कर्मचारी किसे कहते हैं? आउटसोर्स कर्मचारी (Outsource Karmchari) वे व्यक्ति होते हैं जो किसी सरकारी या निजी संस्था के लिए सीधे उस संस्था के कर्मचारी नहीं होते , बल्कि किसी थर्ड पार्टी एजेंसी (private contractor या outsourcing agency) के माध्यम से नियुक्त किए जाते हैं। उदाहरण: अगर किसी सरकारी विभाग को सफाईकर्मी, डाटा एंट्री ऑपरेटर या गार्ड की जरूरत है, तो वे उन्हें खुद नियुक्त करने की बजाय किसी कंपनी को ठेका दे देते हैं। फिर वह कंपनी ये कर्मचारी मुहैया कराती है — इन्हें आउटसोर्स कर्मचारी कहा जाता है। 📋 आउटसोर्स कर्मचारी की मुख्य विशेषताएँ: बिंदु विवरण नियुक्ति थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा वेतन एजेंसी द्वारा दिया जाता है, विभाग सीधे वेतन नहीं देता कार्यस्थल सरकारी या निजी संस्थानों में काम करते हैं नियंत्रण कार्यस्थल का सुपरवाइजर देखरेख करता है, लेकिन कानूनी रूप से एजेंसी उत्तरदायी होती है सामाजिक सुरक्षा कई बार ईपीएफ, ईएसआई आदि सुविधाएं नहीं मिलती, या देरी से मिलती हैं स्थायित्व नौकरी अस्थायी होती है, ठेका समाप्त होने पर हटाए जा सकते हैं...