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Showing posts from July, 2025

भारत का भूगोल

भारत, दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसका भूगोल अत्यंत समृद्ध, जटिल और विविधता से भरा हुआ है। यह देश समुद्र, पर्वत, मरुस्थल, मैदान, और वन क्षेत्रों से युक्त है, जो इसे भूगोल की दृष्टि से एक अद्भुत देश बनाते हैं। 1. भारत की भौगोलिक स्थिति भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। यह भूमध्य रेखा के उत्तर में 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक और 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है। उत्तर से दक्षिण की लंबाई: लगभग 3,214 किलोमीटर पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई: लगभग 2,933 किलोमीटर कुल क्षेत्रफल: लगभग 32,87,263 वर्ग किलोमीटर (विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश) 2. भारत की सीमाएँ भारत की सीमाएँ 7 देशों से मिलती हैं: उत्तर में: चीन, नेपाल, और भूटान पश्चिम में: पाकिस्तान पूर्व में: बांग्लादेश और म्यांमार दक्षिण-पूर्व में: श्रीलंका (समुद्री सीमा के माध्यम से) तीनों ओर से भारत को समुद्र घेरे हुए हैं: पश्चिम में: अरब सागर पूर्व में: बंगाल की खाड़ी दक्षिण में: हिंद महासागर 3. भारत के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र भारत के भूगोल को...

भारत का भूगोल

भारत, दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसका भूगोल अत्यंत समृद्ध, जटिल और विविधता से भरा हुआ है। यह देश समुद्र, पर्वत, मरुस्थल, मैदान, और वन क्षेत्रों से युक्त है, जो इसे भूगोल की दृष्टि से एक अद्भुत देश बनाते हैं। 1. भारत की भौगोलिक स्थिति भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। यह भूमध्य रेखा के उत्तर में 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक और 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है। उत्तर से दक्षिण की लंबाई: लगभग 3,214 किलोमीटर पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई: लगभग 2,933 किलोमीटर कुल क्षेत्रफल: लगभग 32,87,263 वर्ग किलोमीटर (विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश) 2. भारत की सीमाएँ भारत की सीमाएँ 7 देशों से मिलती हैं: उत्तर में: चीन, नेपाल, और भूटान पश्चिम में: पाकिस्तान पूर्व में: बांग्लादेश और म्यांमार दक्षिण-पूर्व में: श्रीलंका (समुद्री सीमा के माध्यम से) तीनों ओर से भारत को समुद्र घेरे हुए हैं: पश्चिम में: अरब सागर पूर्व में: बंगाल की खाड़ी दक्षिण में: हिंद महासागर 3. भारत के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र भारत के भूगोल को...

बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची: शुरू से अंत तक (1946 से 2025 तक)

बिहार भारत का एक ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य है। स्वतंत्रता से पहले और बाद में भी इस राज्य ने कई बड़े नेता देश को दिए हैं। बिहार में अब तक कई मुख्यमंत्रियों ने शासन किया है, जिन्होंने राज्य के विकास, राजनीति, और समाज पर अपना गहरा प्रभाव डाला है। नीचे बिहार के मुख्यमंत्रियों की क्रमबद्ध सूची दी गई है: 🟢 बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची (1946 से 2025 तक) क्रम संख्या नाम कार्यकाल (प्रारंभ - अंत) राजनीतिक दल 1 श्रीकृष्ण सिंह 2 अप्रैल 1946 – 31 जनवरी 1961 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 2 दीप नारायण सिंह 1 फरवरी 1961 – 18 फरवरी 1961 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 3 विनोदानंद झा 18 फरवरी 1961 – 2 अक्टूबर 1963 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 4 कृष्ण बल्लभ सहाय 2 अक्टूबर 1963 – 5 मार्च 1967 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 5 महामाया प्रसाद सिंह 5 मार्च 1967 – 28 जनवरी 1968 संयुक्त विधायक दल 6 सत्यमोहन सिन्हा 28 जनवरी 1968 – 29 फरवरी 1968 संयुक्त विधायक दल 7 बी. पी. मंडल 1 फरवरी 1968 – 1 जून 1968 संयुक्त विधायक दल 8 हरी कृष्ण महतो 1 जून 1968 –...

प्रधानमंत्री आवास योजना के फायदे, कैसे जुड़ें और अधिक जानकारी

🔷 प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) क्या है? प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसकी शुरुआत 2015 में "सबको आवास" के लक्ष्य के साथ की गई थी। इस योजना का उद्देश्य 2022 तक हर बेघर और कमजोर वर्ग के परिवार को पक्का मकान उपलब्ध कराना था। यह योजना शहरी और ग्रामीण – दोनों क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही है: PMAY-Urban (PMAY-U) : शहरों में रहने वाले गरीबों के लिए PMAY-Gramin (PMAY-G) : ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए ✅ प्रधानमंत्री आवास योजना के मुख्य फायदे मुफ्त या सब्सिडी दर पर पक्का घर ग्रामीण गरीबों को ₹1.20 लाख (मैदानी क्षेत्रों) और ₹1.30 लाख (पहाड़ी क्षेत्रों) की सहायता। शहरी इलाकों में होम लोन पर 6.5% तक ब्याज सब्सिडी । महिलाओं को प्राथमिकता घर के मालिकाना हक में महिलाओं का नाम अनिवार्य या प्राथमिक रूप से रखा जाता है। शौचालय, गैस, बिजली और जल सुविधा का समावेश घर के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन , उज्ज्वला योजना , सौभाग्य योजना आदि से भी लाभ मिलता है। सस्ती किस्तों में घर का निर्माण या खरीद ईएमआई कम रहती है क्यों...

आउटसोर्स कर्मचारी क्या है

🧑‍💼 आउटसोर्स कर्मचारी किसे कहते हैं? आउटसोर्स कर्मचारी (Outsource Karmchari) वे व्यक्ति होते हैं जो किसी सरकारी या निजी संस्था के लिए सीधे उस संस्था के कर्मचारी नहीं होते , बल्कि किसी थर्ड पार्टी एजेंसी (private contractor या outsourcing agency) के माध्यम से नियुक्त किए जाते हैं। उदाहरण: अगर किसी सरकारी विभाग को सफाईकर्मी, डाटा एंट्री ऑपरेटर या गार्ड की जरूरत है, तो वे उन्हें खुद नियुक्त करने की बजाय किसी कंपनी को ठेका दे देते हैं। फिर वह कंपनी ये कर्मचारी मुहैया कराती है — इन्हें आउटसोर्स कर्मचारी कहा जाता है। 📋 आउटसोर्स कर्मचारी की मुख्य विशेषताएँ: बिंदु विवरण नियुक्ति थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा वेतन एजेंसी द्वारा दिया जाता है, विभाग सीधे वेतन नहीं देता कार्यस्थल सरकारी या निजी संस्थानों में काम करते हैं नियंत्रण कार्यस्थल का सुपरवाइजर देखरेख करता है, लेकिन कानूनी रूप से एजेंसी उत्तरदायी होती है सामाजिक सुरक्षा कई बार ईपीएफ, ईएसआई आदि सुविधाएं नहीं मिलती, या देरी से मिलती हैं स्थायित्व नौकरी अस्थायी होती है, ठेका समाप्त होने पर हटाए जा सकते हैं...

गाँव में रहकर कौन से छोटे उद्योग करें जो कम लागत में शुरू किए जा सकते हैं?

गाँव में रहकर भी कई ऐसे छोटे उद्योग हैं जिन्हें कम लागत में शुरू करके अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है। ज़रूरी नहीं कि हर व्यापार के लिए शहर जाना पड़े। आज हम आपको कुछ ऐसे लघु उद्योगों के बारे में बताएंगे जो गांव की ज़मीन, संसाधन और परिवेश के अनुसार बहुत सफल हो सकते हैं। 1. दूध डेयरी और पशुपालन व्यवसाय लागत : ₹10,000 – ₹50,000 (2-3 गाय/भैंस से शुरू) फायदा : दूध, दही, घी आदि को स्थानीय बाज़ार में बेचा जा सकता है। जरूरत : पशुओं की देखभाल, चारा और एक छोटा स्थान। 2. अगरबत्ती और मोमबत्ती निर्माण लागत : ₹5,000 – ₹25,000 फायदा : धार्मिक स्थानों और त्योहारों पर मांग ज़्यादा रहती है। जरूरत : मशीन, कच्चा माल और स्थानीय बिक्री। 3. हर्बल साबुन या घरेलू उत्पाद बनाना लागत : ₹10,000 – ₹30,000 फायदा : ऑर्गेनिक उत्पादों की माँग तेजी से बढ़ रही है। जरूरत : कुछ ट्रेनिंग और सही सामग्री। 4. कुटीर उद्योग – अचार, पापड़, मसाले लागत : ₹3,000 – ₹15,000 फायदा : घर की महिलाएं भी इस उद्योग में योगदान दे सकती हैं। जरूरत : स्वच्छता, गुणवत्ता और पैकेजिंग। 5. मुर्गी पालन (पोल्ट्री फार्मिंग) ...

वंदे भारत ट्रेन: भारत में कहां और किन शहरों को जोड़ती है?

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सेमी-हाई स्पीड, अत्याधुनिक और स्वदेशी ट्रेन सेवा है। यह ट्रेन यात्रियों को तेज, आरामदायक और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करती है। इसकी रफ्तार, डिजाइन और सेवा की गुणवत्ता ने इसे भारतीय रेल का गौरव बना दिया है। वंदे भारत ट्रेन क्या है? वंदे भारत ट्रेन, जिसे पहले 'ट्रेन 18' के नाम से जाना जाता था, भारत की पहली पूर्ण रूप से 'मेक इन इंडिया' पहल के अंतर्गत बनी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। इसकी अधिकतम गति 180 किमी/घंटा है, हालांकि वर्तमान में यह अधिकतर रूट्स पर 130-160 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है। भारत में वंदे भारत ट्रेन किन शहरों को जोड़ती है? (2025 तक की जानकारी) अब तक (जुलाई 2025 तक), भारत में 40 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न रूट्स पर चलाई जा रही हैं। नीचे कुछ प्रमुख रूट्स की सूची दी गई है: क्रमांक रूट ट्रेन किन शहरों को जोड़ती है 1 नई दिल्ली - वाराणसी दिल्ली, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी 2 नई दिल्ली - श्री माता वैष्णो देवी कटरा दिल्ली, अंबाला, लुधियाना, जम्मू, कटरा 3 गांधीनगर - मुंबई गांधीनग...

छात्रों को दिल्ली सरकार का तोहफा: सीएम इंटर्नशिप 2025 शुरू, 20,000 रुपये मिलेगा वेतन, जानें पूरी डिटेल

परिचय: छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रेखा सरकार ने युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए सीएम इंटर्नशिप योजना 2025 (CM Internship Yojana 2025) की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत योग्य विद्यार्थियों को न केवल सरकारी विभागों में काम करने का अनुभव मिलेगा, बल्कि हर महीने ₹20,000 तक का मानदेय (वेतन) भी प्रदान किया जाएगा। क्या है सीएम इंटर्नशिप योजना 2025? सीएम इंटर्नशिप योजना सरकार द्वारा शुरू की गई एक ऐसी पहल है, जिसके तहत कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे युवाओं को सरकारी विभागों, परियोजनाओं और प्रशासनिक कार्यों से जोड़कर "वर्क एक्सपीरियंस" दिया जाएगा। मुख्य विशेषताएं: विशेषता विवरण योजना का नाम सीएम इंटर्नशिप योजना 2025 लॉन्च करने वाली सरकार रेखा सरकार लाभार्थी कॉलेज/यूनिवर्सिटी के छात्र मासिक वेतन ₹20,000 प्रति माह कार्यक्षेत्र सरकारी विभाग, पंचायत, ब्लॉक, जिले आदि अवधि 6 महीने से 1 साल तक (संभावित) उद्देश्य क्या है? युवाओं को सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली से परिचित कराना। छात्रों को वास्तविक अनुभव प्रदान करना त...

मौर्य साम्राज्य: शुरुआत से अंत तक एक महान गाथा

परिचय: मौर्य साम्राज्य प्राचीन भारत का एक सबसे शक्तिशाली और संगठित साम्राज्य था, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में की थी। इस साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप के विशाल भूभाग पर शासन किया और प्रशासन, अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति और संस्कृति के क्षेत्र में अत्यंत उन्नति प्राप्त की। 1. मौर्य साम्राज्य की स्थापना: चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य का योगदान: मौर्य साम्राज्य की नींव चंद्रगुप्त मौर्य और उनके गुरु व रणनीतिकार आचार्य चाणक्य (कोटिल्य) ने रखी। नंद वंश के पतन के बाद चंद्रगुप्त ने मगध को जीतकर एक नए साम्राज्य की शुरुआत की। आचार्य चाणक्य की नीति, कूटनीति और "अर्थशास्त्र" ने मौर्य शासन को मजबूती प्रदान की। 2. बिन्दुसार का शासन (297–273 ईसा पूर्व): चंद्रगुप्त के बाद उनके पुत्र बिन्दुसार ने गद्दी संभाली। उन्होंने साम्राज्य का विस्तार दक्षिण भारत तक किया। बिन्दुसार के शासनकाल में प्रशासनिक स्थिरता बनी रही और व्यापार फला-फूला। 3. सम्राट अशोक का युग (268–232 ईसा पूर्व): मौर्य साम्राज्य का स्वर्ण काल सम्राट अशोक के शासनकाल में देखा गया। प्रारंभ में वह एक वीर योद...

पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है? इसके क्या लाभ है

पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है? प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करके उनकी आजीविका को बेहतर बनाना और उनके कौशल को बढ़ावा देना है। यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) द्वारा संचालित की जाती है और 2023-2028 तक लागू रहेगी, जिसके लिए 13,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है, जैसे कि बढ़ईगिरी, लोहारगिरी, सुनार, कुम्हार, राजमिस्त्री, मूर्तिकार, नाई, धोबी, दर्जी, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता, और अन्य। इसका लक्ष्य कारीगरों और शिल्पकारों को उनके उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ पीएम विश्वकर्मा योजना कई प्रकार के लाभ प्रदान करती है, जो कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप ...

नज़र लगने पर क्या करें? जानिए उपाय, लक्षण और बचाव

परिचय हमारे भारतीय समाज में "नज़र लगना" एक आम धारणा है, जिसे लोग पीढ़ियों से मानते आ रहे हैं। जब कोई बच्चा अचानक रोने लगे, स्वस्थ व्यक्ति बीमार हो जाए या व्यापार में बिना कारण गिरावट आने लगे, तो लोग मानते हैं कि किसी की बुरी नज़र लग गई है। हालांकि यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं है, लेकिन नज़र उतारने के घरेलू उपाय लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और कई बार इनके परिणाम सकारात्मक देखे गए हैं। नज़र लगने के लक्षण बच्चा अचानक बहुत रोने लगे या दूध पीना बंद कर दे। व्यक्ति को बार-बार उल्टी, सिरदर्द या चक्कर आएं। जानवर जैसे गाय, बैल या बकरी का व्यवहार अचानक बदल जाए। व्यापार या नौकरी में बिना कारण हानि होने लगे। पौधे सूखने लगें या घर में अशांति बढ़ जाए। नज़र उतारने के घरेलू उपाय 1. नमक और राई से उपाय एक मुट्ठी नमक और कुछ दाने सरसों (राई) लेकर पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से 7 बार घुमाकर आग में जला दें। माना जाता है कि इससे नज़र उतर जाती है। 2. लाल मिर्च से नज़र उतारना 2-3 लाल सूखी मिर्च लेकर व्यक्ति के ऊपर से 7 बार घुमाएं और फिर जलाएं। अगर मिर्च जलते समय ज्यादा तीखा लगे, तो यह न...

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना: क्या आपका नाम है लाभार्थियों की सूची में?

परिचय प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यदि आप भी किसान हैं, तो यह जानना जरूरी है कि आपका नाम इस योजना के लाभार्थियों की सूची में है या नहीं। योजना का उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उन्हें खेती-बाड़ी के खर्चों में सहायता देना है। इसके तहत किसानों को हर साल ₹6,000 की सहायता राशि तीन बराबर किश्तों में दी जाती है — ₹2,000 हर चार महीने में। पात्रता (Eligibility) कौन ले सकता है लाभ: जिनके पास 2 हेक्टेयर तक खेती की जमीन है। जिनके नाम पर जमीन का रिकॉर्ड है। किसान परिवार जिनमें पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल हैं। कौन नहीं ले सकता लाभ: आयकरदाता (Income Tax Payers) सरकारी कर्मचारी या सेवानिवृत्त पेंशनधारी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील जैसे पेशेवर बड़े जमीन मालिक राशि कैसे मिलती है? हर लाभार्थी किसान के बैंक खाते में सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए ₹2,000 की किस्त जमा होती है। साल...

सोलर होम एसी लगाए, गर्मी में लें शिमला जैसा मजा

 गर्मी का मौसम आते ही तापमान आसमान छूने लगता है। पंखे और कूलर से राहत नहीं मिलती और एसी का बिजली बिल जेब पर भारी पड़ता है। लेकिन अब समय आ गया है कि आप गर्मी से बिना बिजली के डर के छुटकारा पाएं। कैसे? जवाब है – सोलर होम एसी। क्या है सोलर होम एसी? सोलर होम एसी वह एयर कंडीशनर है जो सूरज की रोशनी से चलने वाली बिजली (सोलर पावर) से काम करता है। यह पारंपरिक एसी की तरह ही ठंडक देता है, लेकिन बिजली का खर्च लगभग शून्य होता है। इसमें सोलर पैनल, इन्वर्टर, बैटरी और ऊर्जा-कुशल एसी शामिल होता है। सोलर एसी क्यों लगाएं? बिजली का बिल कम या खत्म सोलर एसी चलाने से बिजली की खपत लगभग नहीं होती। इससे हर महीने हजारों रुपए की बचत होती है। पर्यावरण के लिए फायदेमंद यह ग्रीन एनर्जी से चलता है, जिससे प्रदूषण नहीं फैलता और पर्यावरण को भी लाभ होता है। लंबे समय की बचत एक बार खर्च करने के बाद 20 साल तक इसका लाभ लिया जा सकता है। लाइट कटने पर भी आराम सोलर बैटरी बैकअप होने से बिजली न होने पर भी एसी चलता है। गर्मी में शिमला जैसी ठंडक अगर आप दिल्ली, राजस्थान या यूपी जैसी गर्म इलाकों में रहते ह...

2024 नोबेल पुरस्कार विजेता सूची

नोबेल पुरस्कार 2024 उन असाधारण उपलब्धियों का सम्मान करते हैं जिन्होंने मानव जाति को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ाया है। हर साल की तरह, ये प्रतिष्ठित पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को दिए गए जिन्होंने भौतिकी, रसायन विज्ञान, शरीर विज्ञान या चिकित्सा, साहित्य, शांति और आर्थिक विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर, 2024 तक घोषित किए गए, इस वर्ष के विजेताओं ने गहन वैज्ञानिक खोजों से लेकर मानवीय प्रयासों और सशक्त साहित्यिक कृतियों तक, दुनिया को प्रेरित किया है। ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की विरासत का जश्न मनाते हैं, जिन्होंने अपनी वसीयत में उन लोगों को सम्मानित करने का प्रावधान किया था जिन्होंने "मानव जाति को सबसे बड़ा लाभ" प्रदान किया है। 🏅 2024 नोबेल पुरस्कार विजेता सूची श्रेणी विजेता कारण / योगदान रसायन विज्ञान David Baker (अमेरिका); Demis Hassabis, John Jumper (ब्रिटेन/अमेरिका) कंप्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन एवं संरचना भविष्यवाणी चिकित्सा / फिजियोलॉजी Victor Ambros, Gary Ruvkun (दोनों अमेरिका) microRNA की खोज और जीन नियंत्रण ...

किसानों की हुई मौज! ड्रोन की खरीद पर मिलेगा ₹3.65 लाख की सब्सिडी, फटाफट उठाएं लाभ

भारत में खेती अब केवल मेहनत और परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं रही, बल्कि नई तकनीकों ने किसानों की ज़िंदगी को बदलना शुरू कर दिया है। अब सरकार किसानों को ड्रोन (Drone) जैसी आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसी कड़ी में किसानों के लिए ₹3.65 लाख तक की सब्सिडी देने की योजना लागू की गई है। यह योजना न सिर्फ खेती को आसान बनाएगी, बल्कि समय और संसाधनों की बचत करके उत्पादन भी बढ़ाएगी। ✈️ क्या है कृषि ड्रोन? कृषि ड्रोन एक उड़ने वाला मशीन है जो खेतों में कीटनाशकों और खाद का छिड़काव, फसलों का सर्वेक्षण, निगरानी और डेटा संग्रहण जैसे कामों में सहायता करता है। इसकी मदद से: कम समय में छिड़काव किया जा सकता है श्रम लागत में कमी आती है उर्वरक और कीटनाशकों की खपत घटती है सटीक खेती संभव होती है 💰 सब्सिडी योजना की जानकारी: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के "सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन (SMAM)" के तहत किसानों को ड्रोन की खरीद पर सब्सिडी दी जा रही है। 📌 मुख्य बिंदु: सब्सिडी राशि : ₹3.65 लाख तक या ड्रोन कीमत का 50% (जो भी कम हो) लाभार्थी : व्यक्तिगत किसान, ...

भारतीय रेलवे के जोन और उनके मुख्यालय

🚆 भारतीय रेलवे के जोन और उनके हैडक्वार्टर भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्क है, जो देशभर में करोड़ों लोगों को जोड़ने का कार्य करती है। इसके संचालन और प्रबंधन को सुचारु रूप से चलाने के लिए भारतीय रेलवे को कई जोनों (Zones) में बांटा गया है। हर जोन का एक मुख्यालय (Headquarter) होता है, जहाँ से उस जोन की पूरी जिम्मेदारी संभाली जाती है। आइए जानते हैं भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन और उनके मुख्यालयों के बारे में: 🔷 भारतीय रेलवे के सभी 18 जोन और उनके मुख्यालय: क्रम रेलवे जोन का नाम मुख्यालय (हेडक्वार्टर) 1️⃣ नॉर्दर्न रेलवे (Northern Railway) नई दिल्ली 2️⃣ नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे (NER) गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 3️⃣ नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे (NFR) मालीगांव, गुवाहाटी (असम) 4️⃣ नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे (NWR) जयपुर, राजस्थान 5️⃣ नॉर्थ सेंट्रल रेलवे (NCR) प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 6️⃣ ईस्टर्न रेलवे (Eastern Railway) कोलकाता, पश्चिम बंगाल 7️⃣ ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) भुवनेश्वर, ओडिशा 8️⃣ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (ECR) हाजीपुर, बिहार 9️⃣ साउथ ईस्टर्न रे...

ओडिशा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और वहां का मौसम

🛕 ओडिशा के घूमने के प्रसिद्ध स्थान और वहां का मौसम ओडिशा, भारत के पूर्वी तट पर बसा एक सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राज्य है। यह राज्य अपनी ऐतिहासिक धरोहर, समुद्र तटों, मंदिरों और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप ओडिशा घूमने का विचार कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं इसके प्रमुख पर्यटन स्थल और वहां का मौसम कैसा रहता है। 🌟 ओडिशा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल: 1. पुरी और जगन्नाथ मंदिर पुरी ओडिशा का सबसे प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां का जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। हर साल यहां की रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। 2. कोणार्क सूर्य मंदिर युनेस्को विश्व धरोहर स्थल कोणार्क का सूर्य मंदिर एक अद्भुत स्थापत्य कला का नमूना है। यह मंदिर रथ के आकार में बना है और सूर्य देव को समर्पित है। 3. भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर को "मंदिरों का शहर" कहा जाता है। यहाँ लिंगराज मंदिर , राजारानी मंदिर और कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं। 4. चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील चिल्का लेक पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। सर्दियों मे...

"विटामिन क्या हैं और ये कितने प्रकार के होते हैं?"

विटामिन क्या है? विटामिन शरीर के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) होते हैं जो हमारे शरीर की सामान्य क्रियाओं को सुचारु रूप से चलाने में मदद करते हैं। ये शरीर में बहुत थोड़ी मात्रा में चाहिए होते हैं, लेकिन इनकी कमी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। विटामिन न तो शरीर में खुद बनते हैं (कुछ को छोड़कर) और न ही ये ऊर्जा प्रदान करते हैं, लेकिन ये शरीर में कई एंजाइमों और हार्मोन के कार्यों में सहायक होते हैं। विटामिन कितने प्रकार के होते हैं? विटामिन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: 1. वसा में घुलनशील विटामिन (Fat-soluble vitamins): ये विटामिन शरीर की वसा (fat) में संग्रहित हो जाते हैं और आवश्यकता होने पर उपयोग में आते हैं। विटामिन A (रेटिनॉल): आंखों की रोशनी के लिए जरूरी, त्वचा व प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। विटामिन D: हड्डियों के लिए जरूरी, कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। विटामिन E: एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है, त्वचा व बालों के लिए फायदेमंद। विटामिन K: खून का थक्का बनाने में सहायक। 2. जल में घुलनशील विटामिन (Water-soluble vitamins): ये विटामिन...

नरेगा क्या है? इसमें क्या-क्या काम होता है? पूरी जानकारी हिंदी में

परिचय: NREGA यानी "महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम" भारत सरकार की एक ऐतिहासिक योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी देना है। इसे वर्ष 2005 में लागू किया गया था और आज भी यह ग्रामीण भारत की रीढ़ बना हुआ है। NREGA क्या है? NREGA का पूरा नाम है: 👉 Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA) यह कानून हर ग्रामीण परिवार को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी देता है। इसमें श्रमिकों को मजदूरी पर काम दिया जाता है, जिससे वे अपनी आजीविका चला सकें। इस योजना का उद्देश्य: ग्रामीण बेरोजगारी को कम करना गाँव में ही काम उपलब्ध कराना गरीब और कमजोर वर्ग को आर्थिक सहारा देना ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी विकास के कार्य करना NREGA के तहत होने वाले प्रमुख कार्य: कार्य का नाम विवरण ✅ कच्ची सड़क निर्माण गाँव में सड़कों का निर्माण या मरम्मत ✅ जल संरक्षण तालाब, कुएं, चेक डैम बनाना ✅ वृक्षारोपण पेड़ लगाना, नर्सरी तैयार करना ✅ भूमि विकास खेतों की समतलीकरण, मिट्टी सुधार कार्य ✅ ...

रेलवे में नौकरी की संभावनाएं और तैयारी कैसे करें – एक संपूर्ण मार्गदर्शिका

परिचय भारतीय रेलवे देश की सबसे बड़ी सरकारी नौकरी प्रदाता संस्थाओं में से एक है। हर साल लाखों युवा रेलवे में नौकरी पाने का सपना देखते हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) विभिन्न पदों के लिए भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जिनमें Group D, ALP (Assistant Loco Pilot), Technician, NTPC, JE और अन्य पद शामिल होते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि रेलवे में नौकरी की संभावनाएं क्या हैं और उसकी तैयारी कैसे करें। रेलवे में नौकरी की प्रमुख श्रेणियाँ (Main Job Categories in Railway) Group D – ट्रैक मैन, हेल्पर, गैंगमैन आदि NTPC (Non-Technical Popular Categories) – क्लर्क, गुड्स गार्ड, स्टेशन मास्टर आदि ALP और Technician – सहायक लोको पायलट, तकनीशियन JE/SSE – जूनियर इंजीनियर, सीनियर सेक्शन इंजीनियर Paramedical Staff – नर्स, फार्मासिस्ट आदि Ministerial और Isolated Categories – स्टेनोग्राफर, शिक्षक आदि रेलवे परीक्षा की योग्यता (Eligibility for RRB Exams) परीक्षा न्यूनतम योग्यता आयु सीमा Group D 10वीं पास 18-33 वर्ष NTPC 12वीं/ग्रेजुएट 18-30 वर्ष ALP/Technician ITI/डिप्लोमा...

पाँच बिज़नेस जिन्हें आप कम पूंजी में शुरू कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं

आज के समय में हर कोई नौकरी पर निर्भर नहीं रहना चाहता। लोग अपने छोटे बिजनेस की शुरुआत कर आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। यदि आपके पास बहुत अधिक पूंजी नहीं है, तब भी आप कुछ ऐसे बिजनेस शुरू कर सकते हैं जो न केवल कम लागत में शुरू होते हैं, बल्कि भविष्य में अच्छी कमाई भी दे सकते हैं। आइए जानते हैं पाँच ऐसे बिजनेस जिनकी शुरुआत आप कम पूंजी में कर सकते हैं। 1. टिफिन सर्विस (Tiffin Service) यदि आप या आपके घर में कोई अच्छा खाना बना सकता है तो टिफिन सर्विस एक शानदार विकल्प हो सकता है। ऑफिस जाने वाले लोग, स्टूडेंट्स और अकेले रहने वाले लोग घर के बने खाने को तरसते हैं। आप उनके लिए शुद्ध, स्वादिष्ट और समय पर टिफिन डिलीवर करके अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। आवश्यक निवेश: ₹5,000 – ₹20,000 सफलता का कारण: रोज़ की ज़रूरत, मुंह से प्रचार तेज़ 2. फ्रीलांसिंग सेवाएं (Freelancing Services) अगर आपके पास कंप्यूटर स्किल्स हैं जैसे कि कंटेंट राइटिंग, ग्राफिक डिज़ाइनिंग, वीडियो एडिटिंग, वेबसाइट डिज़ाइन या डिजिटल मार्केटिंग, तो आप फ्रीलांसर के रूप में काम शुरू कर सकते हैं। इसमें केवल एक लैपटॉप और इंटरनेट की ज़र...

बेरोजगार से बने केंद्रीय नौकरी के मालिक: आईटीआई करने के कई फायदे

परिचय आज के समय में युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। लेकिन अगर सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो हर बेरोजगार युवा सरकारी या केंद्रीय नौकरी का मालिक बन सकता है। आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) एक ऐसा रास्ता है जो युवाओं को तकनीकी कौशल देकर उन्हें रोजगार के नए अवसर देता है। आईटीआई क्या है? आईटीआई एक तकनीकी शिक्षा संस्थान है, जो छात्रों को विभिन्न ट्रेड्स जैसे इलेक्ट्रीशियन, फिटर, वेल्डर, प्लंबर, कंप्यूटर ऑपरेटर आदि में प्रैक्टिकल और थ्योरी दोनों तरह की ट्रेनिंग देता है। यह कोर्स 6 महीने से 2 साल तक का हो सकता है, ट्रेड के अनुसार। आईटीआई करने के फायदे 1. सरकारी नौकरी में सीधा मौका आईटीआई करने के बाद रेलवे, डाक विभाग, रक्षा मंत्रालय, भेल, एनटीपीसी, बीएसएनएल जैसी केंद्रीय सरकारी कंपनियों में भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। 2. कम समय में करियर की शुरुआत आईटीआई के कोर्स अधिकतर 10वीं या 12वीं के बाद ही शुरू हो जाते हैं। इससे विद्यार्थी जल्दी से प्रशिक्षित होकर नौकरी के लिए तैयार हो जाते हैं। 3. स्व-रोजगार के अवसर अगर कोई सरकारी नौकरी नहीं करना चाहता तो वह ...

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: गांवों के विकास की मजबूत कड़ी

परिचय: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां अधिकांश आबादी गांवों में रहती है। लेकिन लंबे समय तक गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए अच्छी सड़कें नहीं थीं, जिससे विकास की गति धीमी थी। इस समस्या को हल करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की शुरुआत 25 दिसंबर 2000 को की गई थी। इस योजना का उद्देश्य सभी गांवों को ऑल वेदर (हर मौसम में उपयोगी) सड़कों से जोड़ना है। 1. योजना का उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को मुख्य मार्गों से जोड़ना। आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाना। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार तक पहुंच को आसान बनाना। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के बीच की दूरी को घटाना। 2. योजना की मुख्य विशेषताएं: विशेषता विवरण शुरुआत 25 दिसंबर 2000 लक्ष्य गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ना न्यूनतम जनसंख्या 500+ की जनसंख्या (साधारण क्षेत्र) और 250+ (जनजातीय क्षेत्र) सड़कों का प्रकार ऑल वेदर रोड (हर मौसम में उपयोगी सड़कें) कार्यदायी एजेंसियाँ राज्य सरकार की निर्माण एजेंसियाँ निगरानी केंद्र सरकार द्वारा, ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से 3. योजना स...